दीप दीप्ति

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Wednesday 6 May 2015

सीरियल की लत

आजकल की नारियों की कैसी बन गयी आदत सभी जरुरी काम छोड़कर लगी है सीरियल देखने की लत उस वक्त कोई खाना माँगे तो बड़ा गुस्सा आता है बच्चा गर रोने लगे तो बेचारा वह पीट जाता है सास-बहू-शौतन के झगड़े और पति का प्यार देखकर नायिका के आँसू इन्हें होता कष्ट आपार नायिका के चरित्र को न उतारती अपने जीवन में क्या करनी चाहिए उसे सलाह देती रहती मन में अगर मैं होती इसकी बहू तो इस बुढ़िया को समझाती हर जुर्म का ब्याज के साथ बदला मैं चुकाती सीरियल वालों से निवेदन है न दिखायें अवास्तविकता को सास-बहू का वैर दिखाके न अपमान करें इस रिश्ता को मुझको तो लगता है इसमें बस होता है वक्त बर्वाद वरदान टीवी सीरियल के कारण बन गया है श्राप ~ दीपिका ~